उस रात न जाने क्या कुछ तामीर हुआ
जो कुछ भी था, तड़प तड़प कर दम तोड़ रहा था
उस रात बहुत कुछ बदल गया था
उस रात तुम्हारा अक्स सच्चा और तुम झूठे लग रहे थे
रेंगता हुआ तुम्हारा अतीत मेरे अतीत के सामने तैरने लगा था
उस रात कत्ल हुआ था किसी का
उस रात मौत आई थी
जो कुछ भी था, तड़प तड़प कर दम तोड़ रहा था
उस रात बहुत कुछ बदल गया था
उस रात तुम्हारा अक्स सच्चा और तुम झूठे लग रहे थे
रेंगता हुआ तुम्हारा अतीत मेरे अतीत के सामने तैरने लगा था
उस रात कत्ल हुआ था किसी का
उस रात मौत आई थी
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